देश में मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग, जिसमें विभिन्न कारणों से चुनाव के दिन गृह नगर से बाहर रहने वाले नागरिक हैं, मतदान में भाग लेने से वंचित रह जाते हैं। इसमें अधिकतर घर से बाहर के नगरों में कार्यरत अथवा व्यक्तिगत या कार्यालयी कारणों से कुछ दिनों के लिए बाहर गए कर्मचारी, या लम्बी लाइन में लगने से बचने वाले मतदाता आदि शामिल हैं। अधिकतर चुनावी ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारी भी अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाते।
यदि वोटर कार्ड को आधार से लिंक कर दिया जाय, और एक वोटिंग पोर्टल के माध्यम से मतदाता को आधार से जाँच (आधार से जुड़े मोबाइल पर ओ.टी.पी. से या बायोमेट्रिक डिवाइस द्वारा) करने के पश्चात उसके गृह नगर के चुनाव में मतदान (प्रत्याशियों की सूची के साथ) का अधिकार दे दिया जाय तो इस समस्या से काफ़ी हद तक छुटकारा मिल सकता है।
इस व्यवस्था से कोई भी मतदाता चाहे वो किसी दुर्गम स्थान पर ही क्यों न हो, अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से घर बैठे मतदान कर सकता है। इस प्रणाली को आवश्यकतानुसार वोटिंग मशीन का विकल्प भी बनाया जा सकता है, और इससे मतदान का प्रतिशत 90% से भी अधिक बढ़ाया जा सकता है।