कश्मीर फ़ाइल्स देखने के बादः
1. फ़िल्म को बिना किसी राजनीतिक चश्मे के, मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं के साथ, तथा भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसलिए देखा जाना चाहिए।
2. यह फ़िल्म सत्य पर आधारित है, लेकिन निश्चय ही सत्य इससे और अधिक विभत्स और भयावह होगा, जिसे फ़िल्म में दिखाया नहीं जा सकता, और आज सत्य को स्वीकार करने की शक्ति की आवश्यकता है।
3. इससे सीख मिलती है कि बाहरी और देश विरोधी ताक़तें हमारे देश को जाति, धर्म में बाँटकर और भ्रमित कर निरंतर हानि पहुँचाने का प्रयास करती आ रही हैं, जिन्हें हम एकजुटता और समझदारी से ही हरा सकते हैं।
4. बिना फ़िल्म देखे और तथ्यों को जाने, इसके बारे में अनावश्यक चर्चा या विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
5. कश्मीरी विस्थापितों को सभी देशवासियों से सहानुभूति और न्याय की आज भी आवश्यकता है।