राजनैतिक दलों में भले ही बाकी मुद्दों पर संसद में हँगामा होता हो, लेकिन जातिवाद संबंधी बिल बिना किसी हंगामे के सबकी सहमति से पास हो जाते हैं।
देश में ग़रीबी ज़्यादा है लेकिन सभी पार्टियों का ध्यान जाति और धर्म पर ही रहता है, क्योंकि गरीब परिवर्तनीय श्रेणी है, इसलिए वोट बैंक नहीं बन सकती, लेकिन जाति अपरिवर्तनीय है इसलिए वोट बैंक की श्रेणी है, थी, और रहेगी चाहे उसका कितना ही विकास हो ज़ाय।
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