पर्वतों की शरण में आने का पहला नियम है; अपने अहंकार का त्याग, क्योंकि इनपर झुककर चढ़ना पड़ता है, और सर झुकाकर उतरना पड़ता है। जो पर्वतों के नियम का पालन नहीं करते उनको ये मिट्टी में मिला देते हैं।
और जो इनके नियमों का सम्मान करते हैं उनको ये अपनी तरह शारीरिक शक्ति, मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊँचाई देते हैं।
चित्र: गढ़वाल, उत्तराखण्ड.
No comments:
Post a Comment