स्वागतम
मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है - हेम चन्द्र कुकरेती
Friday, November 13, 2020
Saturday, May 2, 2020
संवेदनशीलता
किसी की भी असमय मृत्यु दुखद होती है, चाहे वो सम्पन्न फिल्मी हस्तियां हों या झोलाधारी साधू।
किसी को बचाने के लिए लोग जीजान लगा देते हैं और किसी को लोग जान से मार देते हैं।
जानबूझकर किसी निर्दोष की हत्या करना शायद ज्यादा कष्टदायक है।
जान सबकी बराबर है, फिर भी मीडिया और सोशल मीडिया साधुओं के लिए कम संवेदनशील दिखाई देता है।
किसी को बचाने के लिए लोग जीजान लगा देते हैं और किसी को लोग जान से मार देते हैं।
जानबूझकर किसी निर्दोष की हत्या करना शायद ज्यादा कष्टदायक है।
जान सबकी बराबर है, फिर भी मीडिया और सोशल मीडिया साधुओं के लिए कम संवेदनशील दिखाई देता है।
Monday, April 13, 2020
शिक्षाप्रद धारावाहिक
रामायण, महाभारत और चाणक्य धारावाहिक कई विषयों की शिक्षा देते हैं, विशेषकर प्रबंधन, कूटनीति और राजनीति जैसे विषयों की।
वर्तमान समय में लॉक डाउन को देखते हुए इन पुराने धारावाहिकों का दूरदर्शन से पुनः प्रसारण किया जाना भी एक दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय है।
बिना किसी धारावाहिक पर निर्माण खर्च के, दूरदर्शन की लोकप्रियता और आय को बढ़ाना, तथा नागरिकों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना, ये भी जैसे एक पंथ दो काज की कूटनीति का हिस्सा है।
वर्तमान समय में लॉक डाउन को देखते हुए इन पुराने धारावाहिकों का दूरदर्शन से पुनः प्रसारण किया जाना भी एक दूरदर्शिता पूर्ण निर्णय है।
बिना किसी धारावाहिक पर निर्माण खर्च के, दूरदर्शन की लोकप्रियता और आय को बढ़ाना, तथा नागरिकों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना, ये भी जैसे एक पंथ दो काज की कूटनीति का हिस्सा है।
Monday, April 6, 2020
कठिन परिस्थितियां सिखाती हैं
कोविड-19 ने ये स्वस्थ रहने के लिए हमें शिक्षा दी है कि-
1. बचाव ही सर्वोत्तम सरल उपाय है, चिकित्सा ही हमेशा समाधान नहीं है।
2. साफ-सफाई महत्वपूर्ण है। शरीर, मन, विचार और घर बाहर की भी।
3. अनुशासन जीवन का आवश्यक अंग है। इसके बिना किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता।
4. बहुत से क्षेत्र जैसे चिकित्सा, पुलिस, खाद्य सामग्री, प्रशासन आदि का महत्व अब समझ पाए हैं।
1. बचाव ही सर्वोत्तम सरल उपाय है, चिकित्सा ही हमेशा समाधान नहीं है।
2. साफ-सफाई महत्वपूर्ण है। शरीर, मन, विचार और घर बाहर की भी।
3. अनुशासन जीवन का आवश्यक अंग है। इसके बिना किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता।
4. बहुत से क्षेत्र जैसे चिकित्सा, पुलिस, खाद्य सामग्री, प्रशासन आदि का महत्व अब समझ पाए हैं।
Saturday, April 4, 2020
Saturday, March 21, 2020
Tuesday, March 17, 2020
कॅरोना से बचाव
कॅरोना बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा Pandemic घोषित किया गया है, जोकि Epidemic से ज्यादा गंभीर है। जानकारों के अनुसार भारत में भी आने वाला एक महीना इस बीमारी के बढ़ते स्तर की दृष्टि से गंभीर (critical) है। शासन व प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
स्वस्थ रहने व किसी भी बीमारी से बचने के लिए 2 बाते आवश्यक हैं-
1. स्वास्थ्य की दृष्टि से अपने खान-पान, रहन-सहन, दृष्टिकोण और आदतों में उचित सुधार कर हम अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढा सकते हैं।
2. स्वयं तथा अपने आसपास जीवाणुओं व विषाणुओं को फैलने से रोकने हेतु आवश्यक कदम उठा सकते हैं ताकि आसपास सुरक्षित व स्वस्थ (hygienic) वातावरण बना रहे।
अपने आसपास, पड़ोस, समाज व कार्य स्थल में हम जो कर सकते हैं उनमें से कुछ हैं-
-करेंसी नोटों को थूक लगाकर न गिनें, और इधर उधर न थूकें।
-हाथों को नियमित धोते रहें। सफाई का ध्यान रखें।
-कार्यस्थल या सार्वजनिक स्थानों के दरवाजों के हैंडल या सीढ़ियों की रेलिंग, टेलीफोन, ए.टी.एम., लिफ्ट के बटन इत्यादि जहां सभी हाथ लगाते हैं, इनको अनावश्यक न छुएं, तथा संभव हो तो इनकी नियमित सफाई हेतु कदम उठाएं।
-जहां तक संभव हो नकदीरहित cashless) भुगतान करें।
-जिनको खुला रख सकते हैं, उन दरवाजों को खुला रखें ताकि दरवाजों के हैंडल छूना न पड़े।
-अपने पास हमेशा टिशू पेपर व सैनिटाइजर रखें।
-सफाई व भोजनालय कर्मचारियों को भी मास्क व दस्ताने उपलब्ध हों तो बेहतर होगा।
-शौचालयों में साबुन, सैनिटाइजर, टिशू पेपर की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- खांसते-छींकते समय कीटाणुओं को रोकने के लिए आस्तीन का उपयोग करें, ये ही सबसे आसान तरीका है।
-नाक, मुंह, आंख को गंदे हाथों से न छुएं।
-आपस में सुरक्षित दूरी बनाए रखें
-बाहरी सामान को छूते समय ध्यान रखें कि वह कीटाणुग्रस्त हो सकता है।
-स्वयं व अपने परिजनों को अनावश्यक बाहर जाने से रोकें।
-दोषारोपण के बजाय अपने आसपास के अनभिज्ञ लोगों को इससे बचने के उपाय बताएं व उनको जागरूक कर अच्छे नागरिक का परिचय दें।
-इस महामारी से बचने में शासन-प्रशासन को सहयोग दें।
स्वस्थ रहने व किसी भी बीमारी से बचने के लिए 2 बाते आवश्यक हैं-
1. स्वास्थ्य की दृष्टि से अपने खान-पान, रहन-सहन, दृष्टिकोण और आदतों में उचित सुधार कर हम अपनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढा सकते हैं।
2. स्वयं तथा अपने आसपास जीवाणुओं व विषाणुओं को फैलने से रोकने हेतु आवश्यक कदम उठा सकते हैं ताकि आसपास सुरक्षित व स्वस्थ (hygienic) वातावरण बना रहे।
अपने आसपास, पड़ोस, समाज व कार्य स्थल में हम जो कर सकते हैं उनमें से कुछ हैं-
-करेंसी नोटों को थूक लगाकर न गिनें, और इधर उधर न थूकें।
-हाथों को नियमित धोते रहें। सफाई का ध्यान रखें।
-कार्यस्थल या सार्वजनिक स्थानों के दरवाजों के हैंडल या सीढ़ियों की रेलिंग, टेलीफोन, ए.टी.एम., लिफ्ट के बटन इत्यादि जहां सभी हाथ लगाते हैं, इनको अनावश्यक न छुएं, तथा संभव हो तो इनकी नियमित सफाई हेतु कदम उठाएं।
-जहां तक संभव हो नकदीरहित cashless) भुगतान करें।
-जिनको खुला रख सकते हैं, उन दरवाजों को खुला रखें ताकि दरवाजों के हैंडल छूना न पड़े।
-अपने पास हमेशा टिशू पेपर व सैनिटाइजर रखें।
-सफाई व भोजनालय कर्मचारियों को भी मास्क व दस्ताने उपलब्ध हों तो बेहतर होगा।
-शौचालयों में साबुन, सैनिटाइजर, टिशू पेपर की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- खांसते-छींकते समय कीटाणुओं को रोकने के लिए आस्तीन का उपयोग करें, ये ही सबसे आसान तरीका है।
-नाक, मुंह, आंख को गंदे हाथों से न छुएं।
-आपस में सुरक्षित दूरी बनाए रखें
-बाहरी सामान को छूते समय ध्यान रखें कि वह कीटाणुग्रस्त हो सकता है।
-स्वयं व अपने परिजनों को अनावश्यक बाहर जाने से रोकें।
-दोषारोपण के बजाय अपने आसपास के अनभिज्ञ लोगों को इससे बचने के उपाय बताएं व उनको जागरूक कर अच्छे नागरिक का परिचय दें।
-इस महामारी से बचने में शासन-प्रशासन को सहयोग दें।
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